घर बनाने से पहले ऐसे करें नींव पूजा
नींव में कुछ विशिष्ट वस्तुएं रखने से घर में सुख, शांति, समृद्धि और स्थायित्व आता है। आइए अब विस्तार से देखें कि किन वस्तुओं का महत्व है और उनके पीछे क्या तर्क छिपा है।
ताँबे का कलश :एक पवित्र मिट्टी का पात्र जिसे शुभ माना जाता है। आमतौर पर इसे तांबे या पीतल से भी बनाया जाता है। इसमें आम, चावल, सुपारी, सोने या चांदी का सिक्का, तुलसी का पत्ता और गंगाजल रखा जाता है। वास्तु के अनुसार कलश घर की आत्मा का प्रतीक है और सकारात्मक ऊर्जा के संचार में सहायक होता है।
नाग-नागिन का चाँदी का जोड़ा: चांदी या तांबे का बना हुआ सांप का जोड़ा। प्राचीन मान्यता है कि भगवान शेषनाग पृथ्वी को अपने फन पर संतुलित करते हैं, इसलिए नागों को आधार का प्रतीक माना जाता है। वे बुरी शक्तियों से रक्षा और स्थिरता प्रदान करने के लिए माने जाते हैं।
अनाज: गेहूं, चावल, दाल जैसे अनाजों को समृद्धि और पर्याप्तता का प्रतीक माना जाता है। नींव में इन्हें रखने से भविष्य में घर में कभी अन्न की कमी न हो, ऐसी कामना की जाती है।
फल: नारियल, आम, केला जैसे फल शुभता और सकारात्मकता के प्रतीक होते हैं। इन्हें रखने से घर में हमेशा खुशियां बनी रहें, ऐसी आशा की जाती है।
लोहे की चार कील: चार छोटी लोहे की कीलें आमतौर पर रखी जाती हैं। लोहे को मजबूती का प्रतीक माना जाता है और ये कीलें भविष्य में घर को मजबूत बनाने की कामना के प्रतीक है|
पूजा सामग्री: हल्दी, कुमकुम, तुलसी का पत्ता, मिट्टी का दीपक जैसे पूजा सामग्री का उपयोग करके नींव की विधिवत पूजा की जाती है।
ऊपर बताई गई वस्तुओं के अलावा, अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ और चीजें भी नींव में रखी जा सकती हैं। जैसे -
- पंचरत्न (सोना, चांदी, तांबा, लोहा, टीन)
- जनेऊ
- शहद
इसके बाद उपर्युक्त सामग्री को ताँबे के कलश में रखकर कलश का मुख लाल कपड़े से बांधकर नींव में स्थापित कर दें।
नींव खुदवाने से पहले हमेशा विधिवत भूमि पूजन करना चाहिए, नींव की खुदाई ईशान कोण से शुरू होनी चाहिए, विधि-विधान से नींव की पूजा करने से घर में सुख, शान्ति और समृद्धि आती है।