गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day)
हर साल 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day) मनाया जाता है. 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से तो मुक्ति मिल गई थी, लेकिन देश का एक हिस्सा ऐसा था, जो तब भी आजाद नहीं हो पाया था. वो जगह थी गोवा. गोवा पर 450 सालों से भी ज्यादा समय तक पुर्तगालियों का कब्जा रहा है. आजादी के बाद इसे भारत का हिस्सा बनने में करीब 14 साल का समय लगा था. गोवा को आजादी 19 दिसंबर 1961 को मिली.
1947 में जब अंग्रेजों ने भारत को स्वतंत्र देश घोषित किया, तब भी पुर्गताली गोवा को छोड़कर नहीं गए. आजादी के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन ने पुर्तगालियों से गोवा को आजाद करने की कई बार आग्रह किया, लेकिन वो नहीं माने. उस समय दमन और दीव भी गोवा का हिस्सा था. बार-बार किए गए आग्रह को न मानने के बाद भारत के पास ताकत का इस्तेमाल करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था. 1 नवम्बर 1961 में भारतीय सेना के तीनों अंगों को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा गया. भारतीय सेना ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने के साथ आखिरकार दो दिसंबर को गोवा मुक्ति का अभियान शुरू कर दिया.
19 दिसंबर को पुर्तगालियों से मुक्त हुआ गोवा
जमीन से सेना, समुद्र से नौसेना और हवा से वायुसेना गई. इसे 'ऑपरेशन विजय' का नाम दिया गया. वायु सेना ने आठ और नौ दिसंबर को पुर्तगालियों के ठिकाने पर अचूक बमबारी की, थल सेना और वायुसेना के हमलों से पुर्तगाली तिलमिला गए. आखिरकार पुर्तगालियों को अपनी हार स्वीकार करनी पड़ी. 19 दिसंबर 1961 की रात साढ़े आठ बजे भारत में पुर्तगाल के गवर्नर जनरल मैन्यु आंतोनियो सिल्वा ने समर्पण सन्धि पर हस्ताक्षर कर दिए, इसे साथ ही गोवा में 450 साल पुराने पुर्तगालियों के शासन का अंत हो गया.
1987 में गोवा बना पूर्ण राज्य
पुर्तगालियों से आजादी मिलने के बाद में गोवा में चुनाव हुए और 20 दिसंबर, 1962 को दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने. उस समय गोवा को महाराष्ट्र में विलय की चर्चा जोरों पर थी क्योंकि गोवा महाराष्ट्र के नजदीक था. लेकिन जब 1967 में वहां जनमत संग्रह हुआ तो गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया. इसके बाद 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला और ये भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना. यही कारण है कि हर साल 30 मई को गोवा स्थापना दिवस मनाया जाता है.
18 दिसंबर को पूरे हुए ऑपरेशन विजय को 61 साल
सीएम ने कहा, '18 दिसंबर को ऑपरेशन विजय के 61 साल पूरे हो गए। आज गोवा मुक्ति दिवस की पूर्व संध्या भी है।' 'ऑपरेशन विजय' नामक सैन्य कार्रवाई कोड के बाद पुर्तगाली शासन से आजादी की याद में 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है। भारतीय नौसेना ने गोवा की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
गोवा मुक्ति दिवस का महत्व:
न केवल गोवा के लिए बल्कि पूरे देश के लिए मुक्ति दिवस के गहन महत्व को समझें। इस घटना ने एकता और गौरव की भावना को प्रेरित किया, पूरे देश में स्वतंत्रता की एक नई भावना को बढ़ावा दिया। गोवा के भारत में विलय ने राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को काफी प्रभावित किया है। पर्यटन क्षेत्र का विकास हुआ है, बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है, और शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में उन्नति हुई है। गोवा की समृद्ध विरासत और संस्कृति भारत की विविधता में एक अनूठा रत्न है।या जाता है और सम्मानित किया जाता है।