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 गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?

गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी मनाने के कई कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण यह है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। भगवान गणेश हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं और उन्हें विघ्नहर्ता, शुभंकरता और बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है।

गणेश चतुर्थी मनाने का दूसरा कारण यह है कि इस दिन भगवान गणेश ने महाभारत लिखना शुरू किया था। महाभारत हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण महाकाव्य है और भगवान गणेश को इसकी रचना का श्रेय दिया जाता है।

गणेश चतुर्थी मनाने का तीसरा कारण यह है कि इस दिन भगवान गणेश ने असुर राज रावण को पराजित किया था। रावण एक बहुत ही शक्तिशाली असुर था और भगवान गणेश ने उसे पराजित करके देवताओं की रक्षा की थी।

गणेश चतुर्थी मनाने के अन्य कारणों में शामिल हैं:

  • भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि और विद्या के देवता के रूप में पूजा जाता है। इसलिए, गणेश चतुर्थी के दिन छात्र और विद्वान गणेश जी की पूजा करते हैं ताकि उनकी पढ़ाई में सफलता प्राप्त हो सके।
  • भगवान गणेश को व्यापारियों और उद्यमियों का देवता भी माना जाता है। इसलिए, गणेश चतुर्थी के दिन व्यापारी और उद्यमी गणेश जी की पूजा करते हैं ताकि उनके व्यापार में वृद्धि हो सके और उन्हें लाभ हो।
  • भगवान गणेश को नई शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए, लोग अक्सर गणेश चतुर्थी के दिन नए काम शुरू करते हैं या नई योजनाएं बनाते हैं।

गणेश चतुर्थी कौन से राज्य में सबसे अधिक लोकप्रिय है। 

गणेश चतुर्थी भारत के सभी हिस्सों में मनाई जाती है, लेकिन यह महाराष्ट्र में सबसे अधिक लोकप्रिय है। महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी को गणेशोत्सव के रूप में जाना जाता है और यह एक बहुत ही बड़ा त्योहार है। गणेशोत्सव के दौरान महाराष्ट्र में हर जगह गणेश जी की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं और लोग गणपति बप्पा मोरया के नारे लगाते हुए भक्ति के साथ गणेश जी की पूजा करते हैं।

गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्योहार है जो सभी जातियों, धर्मों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है। यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग भक्ति, उल्लास और खुशी के साथ गणेश जी की पूजा करते हैं।

गणेश चतुर्थी का इतिहास :

गणेश चतुर्थी का इतिहास बहुत पुराना है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी का इतिहास भारत में बहुत पुराना है। कुछ विद्वानों का मानना है कि यह त्योहार 12वीं शताब्दी से मनाया जा रहा है। जबकि अन्य विद्वानों का मानना है कि यह त्योहार 16वीं शताब्दी में मराठा साम्राज्य के संस्थापक, छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा शुरू किया गया था।

छत्रपति शिवाजी महाराज ने गणेश चतुर्थी को अपने साम्राज्य के कुलदेवता के रूप में मनाना शुरू किया था। उन्होंने गणेश चतुर्थी के त्योहार को एक सार्वजनिक समारोह के रूप में मनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

19वीं शताब्दी में, लोकमान्य तिलक ने गणेश चतुर्थी के त्योहार को एक राष्ट्रीय उत्सव के रूप में पुनर्जीवित किया। उन्होंने गणेश चतुर्थी के त्योहार को एक स्वतंत्रता आंदोलन के रूप में इस्तेमाल किया।

आज, गणेश चतुर्थी भारत का सबसे लोकप्रिय त्योहार है। यह त्योहार भारत के सभी हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन यह महाराष्ट्र में सबसे अधिक लोकप्रिय है।

गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 दिनों तक चलता है। पहले दिन गणेश जी की मूर्ति को घर में लाया जाता है और स्थापित किया जाता है। इसके बाद 9 दिनों तक गणेश जी की पूजा की जाती है। दसवें दिन गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित कर दिया जाता है।

गणेश चतुर्थी के दौरान लोग गणेश जी को विभिन्न प्रकार के भोग लगाते हैं। इन भोगों में मोदक, लड्डू, फल, फूल आदि शामिल हैं।

गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्योहार है जो सभी जातियों, धर्मों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है। यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग भक्ति, उल्लास और खुशी के साथ गणेश जी की पूजा करते हैं।

गणेश चतुर्थी सबसे ज्यादा किस राज्य में मनाई जाती है:

गणेश चतुर्थी भारत का सबसे लोकप्रिय त्योहार है। यह त्योहार भारत के सभी हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन यह महाराष्ट्र में सबसे अधिक लोकप्रिय है। महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी को गणेशोत्सव के रूप में जाना जाता है और यह एक बहुत ही बड़ा त्योहार है।

गणेश चतुर्थी के त्योहार के दौरान महाराष्ट्र में हर जगह गणेश जी की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं और लोग गणपति बप्पा मोरया के नारे लगाते हुए भक्ति के साथ गणेश जी की पूजा करते हैं।

महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के त्योहार की लोकप्रियता के कई कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण यह है कि भगवान गणेश को महाराष्ट्र का कुलदेवता माना जाता है। इसके अलावा, महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के त्योहार को एक सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजन के रूप में देखा जाता है।

महाराष्ट्र के अलावा, गणेश चतुर्थी अन्य राज्यों में भी बहुत लोकप्रिय है। इन राज्यों में गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। इन राज्यों में भी गणेश चतुर्थी को एक बड़े त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के त्योहार के प्रमुख आकर्षण:

महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के त्योहार के कई प्रमुख आकर्षण हैं। इनमें से कुछ आकर्षण निम्नलिखित हैं:

  • गणेश मूर्तियाँ: महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के त्योहार के दौरान विभिन्न प्रकार और आकारों की गणेश मूर्तियाँ बनाई जाती हैं। इन मूर्तियों को बनाने में कारीगरी का बहुत ही अच्छा काम किया जाता है।
  • गणेश उत्सव: महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के त्योहार के दौरान विभिन्न स्थानों पर गणेश उत्सव आयोजित किए जाते हैं। इन उत्सवों में संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
  • गणेश विसर्जन: गणेश चतुर्थी के त्योहार के दसवें दिन गणेश जी की मूर्तियों को विसर्जित किया जाता है। इस अवसर पर लोग नदी, तालाब या समुद्र में गणेश जी की मूर्तियों को विसर्जित करते हैं।

गणेश चतुर्थी का महत्व:

गणेश चतुर्थी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, शुभंकरता और बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान गणेश की पूजा करके उनसे अपने जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की कामना करते हैं।

गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्योहार है जो सभी जातियों, धर्मों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है। यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग भक्ति, उल्लास और खुशी के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं।

गणेश चतुर्थी को लोग क्या करते हैं:

गणेश चतुर्थी भारत का सबसे लोकप्रिय त्योहार है। यह त्योहार भारत के सभी हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन यह महाराष्ट्र में सबसे अधिक लोकप्रिय है। गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 दिनों तक चलता है। पहले दिन गणेश जी की मूर्ति को घर में लाया जाता है और स्थापित किया जाता है। इसके बाद 9 दिनों तक गणेश जी की पूजा की जाती है। दसवें दिन गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित कर दिया जाता है।

गणेश चतुर्थी के दौरान लोग विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और आयोजन करते हैं। इनमें से कुछ कार्यक्रम और आयोजन निम्नलिखित हैं:

  • गणेश मूर्तियों की स्थापना: गणेश चतुर्थी के पहले दिन लोग अपने घरों में या सार्वजनिक स्थानों पर गणेश जी की मूर्तियों की स्थापना करते हैं। ये मूर्तियां विभिन्न प्रकार और आकारों की होती हैं।
  • गणेश पूजन: गणेश चतुर्थी के बाद के 9 दिनों तक लोग गणेश जी की पूजा करते हैं। इस पूजा में लोग गणेश जी को फूल, धूप, दीप, मिठाइयाँ और अन्य भोग लगाते हैं।
  • गणेश उत्सव: गणेश चतुर्थी के दौरान विभिन्न स्थानों पर गणेश उत्सव आयोजित किए जाते हैं। इन उत्सवों में संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
  • गणेश विसर्जन: गणेश चतुर्थी के दसवें दिन गणेश जी की मूर्तियों को विसर्जित किया जाता है। इस अवसर पर लोग नदी, तालाब या समुद्र में गणेश जी की मूर्तियों को विसर्जित करते हैं।

गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्योहार है जो सभी जातियों, धर्मों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है। यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग भक्ति, उल्लास और खुशी के साथ गणेश जी की पूजा करते हैं।

गणेश चतुर्थी के दौरान लोग निम्नलिखित कार्य भी करते हैं:

  • व्रत रखते हैं: कुछ लोग गणेश चतुर्थी के दौरान व्रत रखते हैं। इस व्रत में वे पूरे दिन कुछ भी नहीं खाते हैं।
  • दान करते हैं: लोग गणेश चतुर्थी के अवसर पर दान करते हैं। वे गरीबों, अनाथों और जरूरतमंदों को दान देते हैं।
  • पिकनिक जाते हैं: कुछ लोग गणेश चतुर्थी के अवसर पर पिकनिक जाते हैं। वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं।

गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाने और उन्हें खुशी और आनंद प्रदान करने का एक शानदार तरीका है।

गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्योहार है जो सभी जातियों, धर्मों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है। यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग भक्ति, उल्लास और खुशी के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं। हालांकि, गणेश चतुर्थी के दौरान कुछ सावधानियां बरतना भी जरूरी है ताकि कोई दुर्घटना न हो।

गणेश चतुर्थी के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां:

  • गणेश मूर्तियों की स्थापना करते समय सावधानी बरतें: गणेश मूर्तियों की स्थापना करते समय ध्यान रखें कि मूर्तियां अच्छी तरह से स्थिर हों। मूर्तियों को गिरने से बचाने के लिए उन्हें मजबूत आधार पर रखें।
  • गणेश पूजन करते समय सावधानी बरतें: गणेश पूजन करते समय आग से सावधान रहें। धूप, दीप, अगरबत्ती आदि जलाने से पहले सुनिश्चित करें कि वे सुरक्षित हों।
  • गणेश उत्सव में सावधानी बरतें: गणेश उत्सव में भीड़भाड़ और भीड़भाड़ से बचें। बच्चों को अपने साथ रखें और उन्हें अकेले न जाने दें।
  • गणेश विसर्जन करते समय सावधानी बरतें: गणेश विसर्जन के दौरान नदी, तालाब या समुद्र में तैरते समय सावधान रहें। डूबने से बचने के लिए अपने साथ जीवन रक्षक उपकरण रखें।

गणेश चतुर्थी के दौरान बरती जाने वाली अतिरिक्त सावधानियां:गणेश चतुर्थी के दौरान बरती जाने वाली अतिरिक्त सावधानियां:

  • कोरोनावायरस महामारी के कारण सावधानी बरतें: गणेश चतुर्थी के दौरान कोरोनावायरस महामारी के कारण सावधानी बरतें। मास्क पहनें, सामाजिक दूरी बनाए रखें और बार-बार हाथ धोएं।
  • प्लास्टिक प्रदूषण से बचें: गणेश चतुर्थी के दौरान प्लास्टिक प्रदूषण से बचें। गणेश मूर्तियों को बनाने और विसर्जित करने में प्लास्टिक का उपयोग न करें।
  • आर्थिक रूप से जिम्मेदार बनें: गणेश चतुर्थी के दौरान आर्थिक रूप से जिम्मेदार बनें। गणेश मूर्तियों और अन्य सामानों पर अनावश्यक खर्च न करें।

गणेश चतुर्थी एक खुशी का त्योहार है। इन सावधानियों का पालन करके आप इस त्योहार को और अधिक सुरक्षित और आनंददायक बना सकते हैं।

पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. गणेश चतुर्थी क्या है?

गणेश चतुर्थी एक हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मदिन पर मनाया जाता है। भगवान गणेश को हिंदू धर्म में बुद्धि, ज्ञान, और सफलता के देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल, गणेश चतुर्थी 22 अगस्त, 2023 को मनाई जाएगी।

2. गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?

गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश को हिंदू धर्म में बुद्धि, ज्ञान, और सफलता के देवता के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से हमें बुद्धि, ज्ञान, और सफलता प्राप्त होती है।

3. गणेश चतुर्थी कब मनाई जाती है?

गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस साल, गणेश चतुर्थी 22 अगस्त, 2023 को मनाई जाएगी।

4. गणेश चतुर्थी का महत्व क्या है?

गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार बुद्धि, ज्ञान, और सफलता के प्रतीक भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दौरान, लोग भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। भगवान गणेश से बुद्धि, ज्ञान, और सफलता की कामना करते हैं।

5. गणेश चतुर्थी की शुरुआत कैसे होती है?

गणेश चतुर्थी की शुरुआत चतुर्थी तिथि की सुबह होती है। इस दिन, लोग भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं। मूर्ति स्थापित करने के बाद, लोग भगवान गणेश की पूजा करते हैं। पूजा में आरती, मंत्र जाप, और भजन गायन शामिल होता है।

6. गणेश चतुर्थी के दौरान क्या किया जाता है?

गणेश चतुर्थी के दौरान, लोग भगवान गणेश की पूजा करते हैं। पूजा में आरती, मंत्र जाप, और भजन गायन शामिल होता है। इसके अलावा, लोग भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, और अन्य मिठाइयाँ चढ़ाते हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान, लोग भगवान गणेश की कथाएँ भी सुनते हैं।

7. गणेश चतुर्थी का समापन कैसे होता है?

गणेश चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। इस दिन, लोग भगवान गणेश की मूर्ति को नदी या समुद्र में विसर्जित करते हैं। विसर्जन के दौरान, लोग भगवान गणेश से विदाई लेते हैं।

8. गणेश चतुर्थी के लिए क्या करना चाहिए?

गणेश चतुर्थी के लिए, आपको निम्नलिखित कार्य करने चाहिए:

  • भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
  • भगवान गणेश की पूजा करें।
  • भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, और अन्य मिठाइयाँ चढ़ाएं।
  • भगवान गणेश की कथाएँ सुनें।

9. गणेश चतुर्थी के लिए क्या नहीं करना चाहिए?

गणेश चतुर्थी के लिए, आपको निम्नलिखित कार्य नहीं करने चाहिए:

  • भगवान गणेश की मूर्ति को छूना।
  • भगवान गणेश की मूर्ति को धोना या साफ करना।
  • भगवान गणेश की मूर्ति को घर से बाहर ले जाना।

10. गणेश चतुर्थी के लिए कुछ सुझाव:

  • भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते समय, ध्यान रखें कि मूर्ति की दिशा उत्तर की ओर होनी चाहिए।
  • भगवान गणेश की पूजा करते समय, साफ-सुथरे कपड़े पहनें।

हैशटैग्स

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