ऋग्वेद की पाँच शाखाए
शाकल।
वाष्कल।
आश्वलायन।
सांख्यायन।
माण्डूकायन।
इन 5 शाखाओं में से आजकल की प्रचलित शाखा शाकल ही है।
शाकल शाखा के अनुसार ऋग्वेद का विभाजन मण्डल, अनुवाक, सूक्त और मंत्र में किया गया है। ऋग्वेद में 10,600 मंत्र है जोकि 1028 सूक्तों में बांटे गए हैं, 1028 सूक्त 85 अनुवाकों में और 85 अनुवाक 10 मण्डलों में विभाजित हैं।
ऋग्वेद में कितने सूक्त हैं ?
ऋग्वेद में 1028 सूक्त हैं ।
ऋग्वेद में कितने मंत्र है?
ऋग्वेद में कितने 10,600 मंत्र है।
ऋग्वेद की रचना कब हुई ?
ऋग्वेद की रचना के विषय में विद्वानों में कुछ मतभेद है। कुछ विद्वानों के मत के अनुसार ऋग्वेद की रचना शताब्दियों का अपितु हजारों वर्ष का अंतर है। कुछ के अनुसार वेदों का रचनाकाल 1200 ई. पू. का है तो कुछ के अनुसार यह 4000 ई. पू. का है। बहुत से प्रमाणित साक्ष्य का अभाव होने के कारण इनका काल निश्चित नहीं हो सका।
ऋग्वेद के प्रमुख देवता कौन हैं?
ऋग्वेद के प्रमुख देवता इन्द्र ,अग्नि है।
ऋग्वेद के रचनाकार कौन है?
ऋग्वेद की रचना किसी एक व्यक्ति ने नहीं की है। इसकी अलग-अलग श्लोकों व ऋचाओं की रचना अलग-अलग ऋषियों ने की है। वैसे वेदों को अपौरुषेय कहागया है। इसका मतलब होता है कि उसे किसी व्यक्ति विशेष ने नहीं लिखा यानी वे ईश्वरीय कृति है ।