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शीर्षक: काला महीना: हिमाचल प्रदेश में एक प्राचीन परंपरा

काला महीना एक प्राचीन हिंदू परंपरा है जो हिमाचल प्रदेश में मनाए जाने के लिए प्रसिद्ध है। यह भाद्रपद महीने के दौरान मनाया जाता है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार अंग्रेजी महीनों जुलाई और अगस्त के बीच होता है। इस महीने में, नई नवेली दुल्हनों को उनके मायके भेज दिया जाता है और उन्हें एक महीने तक वहां रहने की अनुमति दी जाती है। इस प्रथा के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से एक यह है कि इस महीने को अशुभ माना जाता है।

काला महीना एक प्राचीन हिंदू परंपरा है जो हिमाचल प्रदेश में मनाए जाने के लिए प्रसिद्ध है। यह भाद्रपद महीने के दौरान मनाया जाता है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार अंग्रेजी महीनों जुलाई और अगस्त के बीच होता है। इस महीने में, नई नवेली दुल्हनों को उनके मायके भेज दिया जाता है और उन्हें एक महीने तक वहां रहने की अनुमति दी जाती है। इस प्रथा के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से एक यह है कि इस महीने को अशुभ माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती के तप का उल्लंघन होता है। इस महीने में, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई अनुष्ठान किए जाते हैं। इसलिए, इस महीने में किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं की जाती है।

काला महीना एक महत्वपूर्ण समय है जब नई नवेली दुल्हनें अपने मायके में आराम कर सकती हैं और अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिता सकती हैं। इस महीने में, वे कई पारंपरिक त्योहार मनाते हैं और भोजन का आनंद लेते हैं।

काला महीना एक खूबसूरत समय है जब हिमाचल प्रदेश में प्रकृति अपनी सुंदरता में खिल उठती है। इस महीने में, पहाड़ हरे-भरे हो जाते हैं और फूल खिलने लगते हैं। यह एक आदर्श समय है प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने के लिए।

काला महीना एक प्राचीन परंपरा है जो हिमाचल प्रदेश की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक खूबसूरत समय है जब नई नवेली दुल्हनें अपने मायके में आराम कर सकती हैं और अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिता सकती हैं। यह एक आदर्श समय है प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने के लिए।

हिमाचल के लोग काले महीने में कई चीजें नहीं करते हैं :

  • नई नवेली दुल्हनों को अपने ससुराल में नहीं रखा जाता है। उन्हें अपने मायके भेज दिया जाता है और उन्हें एक महीने तक वहां रहने की अनुमति दी जाती है।
  • कोई भी नया काम या उपक्रम शुरू नहीं किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती के तप का उल्लंघन होता है।
  • शादी, जन्मदिन, या अन्य शुभ अवसरों का जश्न नहीं मनाया जाता है।
  • किसी भी तरह की खुशी या उत्सव के लिए कोई संगीत या नृत्य नहीं किया जाता है।
  • कोई भी तरह की शोरगुल नहीं किया जाता है।
  • किसी भी तरह की हानिकारक गतिविधि नहीं की जाती है।
  • किसी भी तरह की अशुद्धता नहीं फैलाई जाती है।

इन प्रतिबंधों का पालन करने के कई कारण हैं। एक कारण यह है कि काला महीना एक अशुभ महीना माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती का तप चल रहा होता है। इस तप को विचलित करने से बुराई हो सकती है।

एक अन्य कारण यह है कि काला महीना एक पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में, भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस अवधि के दौरान, लोग शांति और ध्यान की स्थिति में रहते हैं। किसी भी तरह की खुशी या उत्सव से यह ध्यान भंग हो सकता है।

काला महीना एक महत्वपूर्ण समय है जब हिमाचल के लोग अपनी परंपराओं और संस्कृति का पालन करते हैं। यह एक समय है जब लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते हैं।


हिमाचल प्रदेश के लोग काले महीने में कई मंदिरों जाते हैं :

  • शिमला के सोलन में स्थित मणिमहेश मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। काले महीने में, हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने आते हैं।
  • कुल्लू घाटी में स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव के अवतार बाबा बालक नाथ को समर्पित है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश का एक और प्रसिद्ध मंदिर है। काले महीने में, हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में बाबा बालक नाथ की पूजा करने आते हैं।
  • धर्मशाला में स्थित डलहौजी मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। काले महीने में, हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने आते हैं।
  • कुल्लू घाटी में स्थित मणिकर्ण मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक है। काले महीने में, हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने आते हैं।
  • कांगड़ा घाटी में स्थित कांगड़ा माता मंदिर: यह मंदिर माता पार्वती को समर्पित है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश का एक और प्रसिद्ध मंदिर है। काले महीने में, हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में माता पार्वती की पूजा करने आते हैं।

काले महीने में, हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में विशेष अनुष्ठान और पूजाएं आयोजित की जाती हैं। इन अनुष्ठानों और पूजाओं का उद्देश्य भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करना है।

हिमाचल प्रदेश में शनि देव के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। काले महीने में, हजारों श्रद्धालु इन मंदिरों में शनि देव की पूजा करने आते हैं।

कुछ सबसे प्रसिद्ध शनि देव मंदिरों में शामिल हैं:

  • शिमला के सोलन में स्थित श्री शनि देव मंदिर, सरली लम्बलू: यह मंदिर हिमाचल प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध शनि देव मंदिरों में से एक है। काले महीने में, हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में शनि देव की पूजा करने आते हैं।
  • कुल्लू घाटी में स्थित श्री शनि देव मंदिर, मणिकर्ण: यह मंदिर भी हिमाचल प्रदेश का एक प्रसिद्ध शनि देव मंदिर है। काले महीने में, हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में शनि देव की पूजा करने आते हैं।
  • कांगड़ा घाटी में स्थित श्री शनि देव मंदिर, जटोली: यह मंदिर भी हिमाचल प्रदेश का एक प्रसिद्ध शनि देव मंदिर है। काले महीने में, हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में शनि देव की पूजा करने आते हैं।
  • चंबा जिले में स्थित श्री शनि देव मंदिर, डलहौजी: यह मंदिर भी हिमाचल प्रदेश का एक प्रसिद्ध शनि देव मंदिर है। काले महीने में, हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में शनि देव की पूजा करने आते हैं।
  • कुल्लू घाटी में स्थित श्री शनि देव मंदिर, कल्लू: यह मंदिर भी हिमाचल प्रदेश का एक प्रसिद्ध शनि देव मंदिर है। काले महीने में, हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में शनि देव की पूजा करने आते हैं।

काले महीने में, इन मंदिरों में विशेष अनुष्ठान और पूजाएं आयोजित की जाती हैं। इन अनुष्ठानों और पूजाओं का उद्देश्य शनि देव को प्रसन्न करना है।

शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि वे अच्छे और बुरे दोनों कर्मों का फल देते हैं। काले महीने में, लोग शनि देव की पूजा करते हैं ताकि वे उनसे अपने जीवन में अच्छे कर्मों का फल प्राप्त कर सकें और बुरे कर्मों से छुटकारा पा सकें।

हिमाचल प्रदेश के लोग काले महीने में कई चीजें नहीं खाते हैं :

  • मांसाहार
  • मदिरा
  • मसालेदार भोजन
  • तला हुआ भोजन
  • खट्टा भोजन

काले महीने को एक अशुभ महीना माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती का तप चल रहा होता है। इस तप को विचलित करने से बुराई हो सकती है।

काले महीने में लोग हल्का और सात्विक भोजन खाते हैं। वे मानते हैं कि ऐसा करने से उन्हें भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होगी।

काले महीने में कुछ लोकप्रिय भोजनों में शामिल हैं:

  • चावल
  • दाल
  • सब्जियां
  • रोटी
  • दही
  • फल

काले महीने में लोग मांसाहार और मदिरा का सेवन नहीं करते हैं। ऐसा माना जाता है कि मांस और शराब अशुद्ध होते हैं और वे भगवान शिव और माता पार्वती को नाराज कर सकते हैं।

काले महीने में लोग मसालेदार भोजन, तला हुआ भोजन और खट्टा भोजन भी नहीं खाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये भोजन शरीर को अशुद्ध कर सकते हैं और वे भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न नहीं कर सकते हैं।

  1. क्या काला महीना एक अशुभ महीना है?

हाँ, काला महीना को एक अशुभ महीना माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती का तप चल रहा होता है। इस तप को विचलित करने से बुराई हो सकती है।

  1. काला महीना कब होता है?

काला महीना हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद महीने के दौरान मनाया जाता है। यह अंग्रेजी महीनों अगस्त और सितंबर के बीच में आता है .

  1. काला महीने में क्या नहीं किया जाता है?

काले महीने में कई चीजें नहीं की जाती हैं। इनमें शामिल हैं:

  • नई नवेली दुल्हनों को अपने ससुराल में नहीं रखा जाता है। उन्हें अपने मायके भेज दिया जाता है और उन्हें एक महीने तक वहां रहने की अनुमति दी जाती है।
  • कोई भी नया काम या उपक्रम शुरू नहीं किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती के तप का उल्लंघन होता है।
  • शादी, जन्मदिन, या अन्य शुभ अवसरों का जश्न नहीं मनाया जाता है।
  • किसी भी तरह की खुशी या उत्सव के लिए कोई संगीत या नृत्य नहीं किया जाता है।
  • कोई भी तरह की शोरगुल नहीं किया जाता है।
  • किसी भी तरह की हानिकारक गतिविधि नहीं की जाती है।
  • किसी भी तरह की अशुद्धता नहीं फैलाई जाती है।
  1. काले महीने में क्या किया जाता है?

काले महीने में कई चीजें की जाती हैं। इनमें शामिल हैं:

  • भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
  • व्रत और उपवास किए जाते हैं।
  • दान दिया जाता है।
  • मंत्रों का जाप किया जाता है।
  • ध्यान किया जाता है।
  1. काले महीने में क्या खाना चाहिए?

काले महीने में हल्का और सात्विक भोजन खाना चाहिए। इस महीने में मांसाहार और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

  1. काले महीने में क्या नहीं खाना चाहिए?

काले महीने में कुछ चीजें नहीं खानी चाहिए। इनमें शामिल हैं:

  • मांसाहार
  • मदिरा
  • मसालेदार भोजन
  • तला हुआ भोजन
  • खट्टा भोजन
  1. काले महीने में क्या पहनना चाहिए?

काले महीने में सफेद या हलके रंग के कपड़े पहनना चाहिए। इस महीने में काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।

  1. काले महीने में क्या करना चाहिए?

काले महीने में शांति और ध्यान में रहना चाहिए। इस महीने में किसी भी तरह की खुशी या उत्सव नहीं करना चाहिए।

  1. काले महीने में क्या नहीं करना चाहिए?

काले महीने में कुछ चीजें नहीं करना चाहिए। इनमें शामिल हैं:

  • शोरगुल करना
  • हानिकारक गतिविधि करना
  • अशुद्धता फैलाना
  1. काले महीने में क्या होता है?

काले महीने में भगवान शिव और माता पार्वती का तप चलता है। इस महीने में लोग भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत और उपवास रखते हैं।

  1. काले महीने में क्या महत्व है?

काले महीने को एक पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में लोग भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते हैं।

  1. काले महीने का क्या इतिहास है?

काले महीने का इतिहास बहुत पुराना है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती ने तपस्या की थी।

  1. काले महीने का क्या भविष्य है?

काले महीने का भविष्य उज्ज्वल है। इस महीने में लोग भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते हैं।

  1. क्या काला महीना एक लोकप्रिय त्योहार है?

हाँ, काला महीना एक लोकप्रिय त्योहार है। इस महीने में लोग भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं

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