लीप वर्ष क्या है?
लीप वर्ष वह वर्ष होता है जिसमें एक अतिरिक्त दिन जोड़ा जाता है। आमतौर पर एक साल में 365 दिन होते हैं, लेकिन लीप वर्ष में यह संख्या बढ़कर 366 हो जाती है। अतिरिक्त दिन को लीप डे (Leap Day) कहा जाता है, और इसे फरवरी महीने में जोड़ा जाता है। इस साल फरवरी में 29 दिन होंगे, जबकि आम तौर पर इसमें 28 दिन होते हैं।
लीप वर्ष क्यों मनाया जाता है?
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा पूरी करने में वास्तव में 365.2422 दिन का समय लेती है। इसका मतलब है कि हर साल हम तकरीबन 6 घंटे की देरी लगाते हैं। अगर हम इस अंतर को ठीक नहीं करते हैं, तो समय के साथ कैलेंडर का मौसमों से तालमेल बिगड़ता जाएगा। इसलिए लीप वर्ष का उपयोग वर्ष की लंबाई को समायोजित करने के लिए किया जाता है।
हर चार साल बाद लीप वर्ष क्यों नहीं आता?
ये शायद सबसे बड़ा सवाल है! हालांकि लीप वर्ष हर चार साल में मनाया जाता है, लेकिन एक अपवाद भी है। वो ये कि हर सौ साल में आने वाले शताब्दी वर्षों में से सभी लीप वर्ष नहीं होते हैं। इस नियम के पीछे भी एक खास वजह है।
अगर सिर्फ हर चार साल में ही लीप वर्ष मनाया जाता, तो साल की लंबाई को समायोजित करने के लिए हम 6 घंटे के बजाय करीब 11 मिनट ज्यादा जोड़ देते। वक्त के साथ ये अतिरिक्त 11 मिनट भी मायने रखते हैं और कैलेंडर फिर से गड़बड़ा सकता है। इसीलिए, शताब्दी वर्षों में से कुछ को लीप वर्ष से बाहर रखा जाता है।
लेकिन सभी शताब्दी वर्ष लीप वर्ष से बाहर नहीं होते हैं। केवल वे शताब्दी वर्ष जो 400 से पूर्णतः विभाजित नहीं होते हैं, लीप वर्ष नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, 1700, 1800, 1900 और 2100 लीप वर्ष नहीं होंगे, लेकिन 1600 और 2000 लीप वर्ष थे। तो 2400 भी लीप वर्ष होगा।
2024 का मतलब क्या है?
चूंकि 2024 4 से पूर्णतः विभाजित है और यह शताब्दी वर्ष भी नहीं है, इसलिए यह एक लीप वर्ष है। इसका मतलब है कि हमें एक अतिरिक्त दिन, यानी 29 फरवरी का आनंद लेने को मिलता है! कुछ लोगों के लिए लीप डे किसी खास उत्सव का दिन नहीं होता, लेकिन कई लोगों के लिए यह एक अतिरिक्त मौका होता है जन्मदिन मनाने का, प्रस्ताव रखने का या खुद को लाड़-प्यार करने का।