'राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस' के मौके पर बच्चों को दी जा रहीं एल्बेंडाजोल की गोलियां
अधिकतर देखा जाता है कि जब बच्चों का जन्म होता है तो वे हष्ट-पुष्ट होते हैं, लेकिन बड़े होने के साथ वे कमजोर होने लगते हैं जो बिल्कुल भी सही नहीं है. इसी को देखते हुए आज राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को स्वस्थ रखने के मकसद से एल्बेंडाजोल व विटामिन ए की डोज दी गई ताकि बच्चों का सही से शारीरिक विकास हो सके.
क्यों दी जाती है बच्चों को एल्बेंडाजोल की डोज
गौरतलब है कि छोटे बच्चों के पेट मे अकसर कीड़े होने की समस्या बनी रहती है, जिसके चलते वे जो भी खाते हैं उनके शरीर में नहीं लगता और बच्चे दिन ब दिन कमजोरी का शिकार होने लगते हैं. ऐसे में उनके शरीर में खून की कमी होने का भी खतरा बन जाता है, जिसे देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर 1 वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों को साल में दो बार एल्बेंडाजोल व विटामिन ए की डोज दी जाती है ताकि बच्चे शारीरिक कमजोरी और खून की कमी का शिकार ना हों.
1,04,224 पात्र बच्चों को दी जा रहीं एल्बेंडाजोल की गोलियां
जिला स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर डॉक्टर परविंदर सिंह ने जानकारी देते बताया कि इस अभियान के तहत बिलासपुर जिला के विभिन्न स्कूलों व आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 01 से 19 वर्ष के 1,04,224 पात्र बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां दी जा रही हैं जबकि 01 से 05 वर्ष के 26,287 नन्हे बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने का स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य निर्धारित किया है.
25 नवंबर को दी जाएगी एल्बेंडाजोल व विटामिन ए की खुराक
यही नहीं इस अभियान के तहत अगर कुछ बच्चे छूट भी जाते हैं तो उन्हें 25 नवंबर को एल्बेंडाजोल व विटामिन ए की खुराक दी जाएगी. उन्होंने कहा कि समय रहते आंगनवाड़ी केंद्रों व स्कूलों में एल्बेंडाजोल व विटामिन ए की खुराक पहुंचा दी गई है ताकि सभी पात्र बच्चों को कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर खुराक मिल सके और बिलासपुर जिला के बच्चे कमजोरी व खून की कमी का शिकार ना हो सके.